Wednesday, November 04, 2009

कुम्हारिया न्यूक्लियर पावर प्लांट

कुम्हारिया न्यूक्लियर पावर प्लांट

भारत - अमेरिका परमाणु डील पर एक साल पहले हस्ताक्षर होने के साथ ही हरियाणा मंे 2800 मेगावाट के न्यूक्लियर पावर प्लांट लगने का रास्ता साफ हो गया था। लेकिन 26 सितंबर को इस प्लांट के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर करके इसे पूर्ण तौर पर मंजूरी दे दी और लोगों का बचा संशय भी समाप्त हो गया। लेकिन इसके साथ ही लोगों में शुरू हो गई भययुक्त, और रहस्मयी चर्चा। जिसमें भय है घर उजड़ने का, स्वास्थ्य का और उन अनजान-अनगिनत समस्याओं का जो प्लांट के साथ ही उनकी जिन्दगी में आने वाली हैं। इसका एक मुख्य कारण ये भी है कि जब कोई परियोजना या कानून आता है कभी भी उसमें पारदर्षिता नहीं रखी जाती, लोगों को उसके दांव-पेच नहीं बताए जाते। परियोजनाओं के नाम पर लोगों को अन्धेरे में रखकर उनके प्राकृतिक संसाधनों जल,जंगल,जमीन की लूट की साजिश बड़ी कंपनियों के हित में रची जाती है। ऐसी ही अनेको साजिशें विकास का नाम देकर सेज ;विषेश आर्थिक जोन , पावर प्लांट व अन्य उद्योगों के लिए रची जा रही हैं। इनमंे से ही एक है ‘कुम्हारिया न्यूक्लियर पावर प्लांट’। 1000 हैक्टेयर भूमि के इस प्लांट का प्रस्ताव 25 साल पहले 1984 में ज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को भेजा गया था। उसके बाद यहां 2001 व 2007 में दो सर्वेक्षण हुए। अब यह प्लांट 12000 करोड़ 120 अरब से लगाया जाना है। इस प्लांट को दो चरणो में लगाने की योजना है । प्रथम चरण में 1400 मेगावाट की दो इकाईयां लगाई जाएंगी। परमाणु उर्जा निगम के प्रबंधक निर्देषक को भेजे पत्र के हवाले से इसमें यूरेनियम और प्रेशराइज्द हेवी वाटर रिएक्टर तकनीक का प्रयोग होगा। यानि यह प्लांट पूर्णतः पानी के प्रैशर पर ही काम करेगा।

सुनील कुमार

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